“बालोतरा (Balotra) भारत के राजस्थान राज्य का एक नया ज़िला है, जिसे पहले बाड़मेर ज़िले के अंतर्गत शामिल किया जाता था।”
बालोतरा: राजस्थान की वस्त्र नगरी और धार्मिक नगरी
बालोतरा, जिसे “वस्त्र नगरी” के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाला शहर है। यह जोधपुर से लगभग 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अपने हस्तशिल्प, कपड़ा उद्योग तथा वार्षिक तिलवाड़ा रेगिस्तानी पशु मेले के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर रेल और सड़क मार्ग से जोधपुर से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, जिससे यहाँ आना-जाना सुगम है।
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
बालोतरा का नामकरण वालोजी (बालाजी) मनना राजपुरोहित के नाम पर हुआ माना जाता है। यह शहर अपने प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहर के लिए भी जाना जाता है। यहाँ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल हैं:
- श्री रणछोड़ राय मंदिर (खेड़ गाँव): यह विष्णु भगवान का प्राचीन मंदिर है, जिसे दुनिया का पहला रणछोड़ राय मंदिर माना जाता है।
- नाकोड़ा जैन मंदिर: बालोतरा से 13 किमी दूर स्थित यह मंदिर जैन समुदाय के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है।
- रानी भटियाणीजी मंदिर (जसोल गाँव): यह मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है।
- खेतेश्वर पालना धाम (सरना गाँव): यह मंदिर श्री खेताराम जी महाराज की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध है।
- असोतरा गाँव का ब्रह्मा मंदिर: यह भारत के तीसरे ब्रह्मा मंदिर के रूप में जाना जाता है।
ऐतिहासिक विरासत
बालोतरा का इतिहास राठौड़ वंश से जुड़ा हुआ है। 13वीं शताब्दी में राव सिहाजी ने इस क्षेत्र को गुहिल राजपूतों से जीतकर राठौड़ शासन की नींव रखी। खेड़ गाँव कभी पश्चिमी राजस्थान की राठौड़ राजधानी हुआ करता था। बाद में, मोरसिया राजपूतों ने यहाँ लगभग 300 वर्षों तक शासन किया।
आर्थिक और औद्योगिक विकास
बालोतरा राजस्थान के प्रमुख कपड़ा उत्पादन केंद्रों में से एक है, जहाँ 5,000 से अधिक कपड़ा इकाइयाँ स्थित हैं। यह शहर हाथ ब्लॉक प्रिंटिंग के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। लुनी नदी के तट पर बसे इस नगर ने समय के साथ तेजी से विकास किया है और अब यहाँ आधुनिक शिक्षण संस्थान, उन्नत परिवहन व्यवस्था और वैश्विक कनेक्टिविटी उपलब्ध है।